कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि मोहन आलोक ने कहा कि सांवर दइया ने राजस्थानी साहित्य को कथ्य व शिल्प के स्तर पर नए तेवर से समृद्ध किया। उनका साहित्य आम आदमी की आकांक्षाओं व अवरोधों का प्रमाणित दस्तावेज है।
वरिष्ट साहित्यकार ओम पुरोहित ‘कागद’ ने सांवर दइया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दइया एक सशक्त साहित्यकार थे। उन्होंने राजस्थानी कहानी को वर्णन के परम्परागत रास्ते से निकालकर एक नई दिशा दी।
समारोह में निशान्त, दीनदयाल शर्मा ने भी सांवर दइया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस समारोह में स्वामी के नए नाटक संग्रह ‘रीचार्ज’ विमोचन मोहन आलोक, डॉ. नीरज दइया, प्रहलाद राय पारीक, निशान्त, ओम पुरोहित ‘कागद’, सोहनलाल रांका ने किया।
सांवर दइया जयन्ती के अवसर पर मनोज कुमार स्वामी ने ‘ओसर’ तथा मोहन आलोक ने सांवर दइया की कहानी ‘खेल जिसो खेल’ का वाचन किया। नाट्यकर्मी भगवान दास शर्मा निर्देशन में स्थानीय कलाकारों ने नवविमोचित एकांकी संग्रह “रीचार्ज” का मंचन किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व लेखक करणीदान सिंह राजपूत, श्रीगंगानगर से कृष्ण कुमार आशु, प्रो. अली मोहम्मद पड़िहार, आकाशवाणी के निदेशक डी.सी. शर्मा ,सतीश छींपा, मुरलीधर उपाध्याय, देवचंद दईया, कैलाश सोनी, पी के मिश्रा,सुभाष राजपूत, बी एल नेगी, हरिलाल पुरोहित,राजेंद्र पटवारी,रामेश्वरलाल तिवाड़ी, लादूराम स्वामी, दीनदयाल पारीक, श्रीमती सावित्री स्वामी,भगवान दास, रवि शंकर पारीक तथा महाजन से डॉ. मदन गोपाल लढा, लूनकरनसर से राजूराम बिजारणियां ‘राज’ सहित सूरतगढ़ के आसपास के साहित्यकारों ने शिरकत की । प्रहलाद राय पारीक ने मंच संचालन किया तथा नंदकिशोर सोमानी ने आभर व्यक्त किया।
कार्यक्रम के कुछ दृश्य व चित्वीरों को वीडियो के रूप में प्रस्तुत करने का एक प्रयास किया गया है-
राजस्थान पत्रिका, श्रीगंगानगर 11/10/2010 |