श्री सांवर दइया (1948-1992)
जलम : 10 अक्टूबर, 1948 बीकानेर
निधन : 31 जुलाई, 1992 बीकानेर
आधुनिक राजस्थानी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर। राजस्थानी कहानी को नूतन धारा एवं प्रवाह देने वाले सशक्त कथाकार। राजस्थानी काव्य में जापानी हाइकू का प्रारम्भ करने वाले कवि। राजस्थानी भाषा में व्यंग्य को विद्या के रूप में प्रतिष्ठित करने वाले व्यंग्य लेखक। विविध विद्याओं में 18 से अधिक कृतियों का प्रणयन।
भणाई : एम. ए., बी. एड., गुजराती भाषा मांय डिप्लोमो
कहाणी संग्रै-
1. असवाड़ै-पसवाड़ै 1975
2. धरती कद तांई घूमैली 1980 : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर सूं गद्य पुरस्कार
3. एक दुनिया म्हारी 1984 : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली सूं सर्वोच्चय पुरस्कार
4. एक दुनिया मेरी भी : एक दुनिया म्हारी रो हिंदी अनुवाद, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली सूं प्रकाशित
5. एक ही जिल्द में 1987
6. पोथी जिसी पोथी (निधनोपरांत)
7. छोटा-छोटा सुख-दुख (प्रेस मांय)
8. उकरास (संपादन) 1991 राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर रो प्रतिनिधि कहाणी संकलन, स्नातक पाठ्यक्रम री पोथी बरसां सूं
अनेक कहानियों के गुजराती, मराठी, तमिल, अंग्रेजी आदि भाषाओं में अनुवाद।
व्यंग्य संग्रै-
1. इक्यावन व्यंग्य (निधनोपरांत)
कविता संग्रै-
1. मनगत (लघु कवितावां) 1976
2. काल अर आज रै बिच्चै 1977 & 1982
3. आखर री औकात (हाइकू संग्रै) 1983
4. आखर री आंख सूं 1988 & 1990
5. हुवै रंग हजार (निधनोपरांत) राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर सूं “गणेशीलाल व्यास उस्ताद” पद्य पुरस्कृत 1993
6. आ सदी मिजळी मरै (निधनोपरांत) पंचलड़ी कवितावां
अनुवाद-
1. स्टेच्यू (अनुवाद) अनिल जोशी रै गुजराती निंबंधां रो राजस्थानी उल्थो साहित्य अकादेमी सूं प्रकाशित 2000 (निधनोपरांत)
हिंदी में कविता संग्रै-
1. दर्द के दस्तावेज (ग़ज़ल संग्रह)
2. उस दुनिया की सैर के बाद (निधनोपरांत) 1995
हिंदी में बाल साहित्य-
1. एक फूल गुलाब का 1988
पुरस्कार-
1. नगर विकास न्यास, बीकानेर कांनी सूं टैस्सीटोरी गद्य पुरस्कार
2. राजस्थान साहित्य अकादमी(संगम), उदयपुर
3. मारवाड़ी सम्मेलन, मुम्बई
4. राजस्थानी ग्रेजुएट्स नेशनल सर्विस एसोसियेशन, मुम्बई
5. राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर सूं “गणेशीलाल व्यास उस्ताद” पद्य पुरस्कार
6. केंद्रीय साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली 1985
अन्य : डेकन कॉलेज, पूना सूं गुजराती भाषा मांय डिप्लोमो ई कर्यो नै केई रचनावां रो राजस्थानी, हिंदी अर गुजराती अनुवाद ई घणो चावो रैयो। शिक्षाविद् रै रूप मांय केई शैक्षिक आलेख ई लिख्या।
जिया-जूण : शिक्षा विभाग मांय शिक्षक रै रूप मांय काम करता थकां व्याख्याता (हिंदी), प्रधानाध्यापक पछै जीवण रै लारलै बरसां शिक्षा निदेशालय प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग रै प्रकाशन अनुभाग मांय उपजिला शिक्षा अधिकारी, संपादक- शिविरा (मासिक) अर नया शिक्षक (त्रैमासिक) पद माथै रैवतां फगत 44 बरस री उमर मांय सरगवास ।